नई आयकर विधेयक 2025 में संपत्ति पर दीर्घकालिक पूंजी लाभ कर (LTCG) से संबंधित किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया है। जो लोग संपत्ति से लाभ अर्जित कर रहे हैं, उनके लिए पुरानी टैक्स दरें और नियम जारी रहेंगे।
कोई बदलाव नहीं, वही पुराने नियम:
आयकर विशेषज्ञों के अनुसार, जो संपत्तियां 24 महीने से अधिक समय तक रखी जाती हैं, उन पर दीर्घकालिक पूंजी लाभ कर (LTCG) लागू होगा। इस कर की गणना वर्तमान में दो विकल्पों के आधार पर की जाती है:
- 12.5% कर दर (बिना अनुक्रमण के)
- 20% कर दर (अनुक्रमण के साथ)
आयकर विशेषज्ञों की टिप्पणी:
मुंबई के चार्टर्ड अकाउंटेंट, सुरेश सुराणा ने बताया कि “आयकर विधेयक 2025 में दीर्घकालिक पूंजी लाभ कर (LTCG) से जुड़े पुराने प्रावधानों में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जिसमें अनुक्रमण का लाभ और टैक्स दरें समान रहेंगी।”
अनुक्रमण का लाभ:
कई करदाता संपत्ति की बिक्री से उत्पन्न दीर्घकालिक पूंजी लाभ पर टैक्स को कम करने के लिए अनुक्रमण का लाभ लेते हैं। अनुक्रमण एक कर लाभ है, जो महंगाई के हिसाब से संपत्ति की खरीद कीमत को समायोजित करता है, जिससे कर योग्य लाभ कम होता है।
उदाहरण के लिए:
यदि किसी व्यक्ति ने 2001 में ₹10 लाख में संपत्ति खरीदी और 2025 में ₹50 लाख में बेची, तो वह अनुक्रमण के लाभ का उपयोग कर कर योग्य लाभ को कम कर सकता है, और कर की राशि भी घटाई जा सकती है।
निष्कर्ष:
आयकर विधेयक 2025 में संपत्ति पर दीर्घकालिक पूंजी लाभ कर (LTCG) के नियम पहले जैसे ही रहेंगे, जिससे संपत्ति बेचने के बाद करदाता को कोई नई बाधा का सामना नहीं करना पड़ेगा। हालांकि, अनुक्रमण का लाभ लेने से कर का बोझ कम किया जा सकता है।