Saturday, April 19, 2025
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ग्रेच्युटी क्या है ?(Gratuity in Hindi) – कैसे कैलकुलेट होती है

हमारे पेशेवर जीवन में एक बिंदु ऐसा आता है जब हमें नौकरी से रिटायरमेंट या नौकरी बदलने के बाद एक बड़ा पैकेज मिलता है। यही वह समय होता है जब हमें “ग्रेच्युटी” (Gratuity) का शब्द सुनने को मिलता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ग्रेच्युटी क्या है और यह कैसे कैलकुलेट की जाती है? अगर नहीं, तो आज का यह ब्लॉग आपके लिए है। हम यहां आपको ग्रेच्युटी से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी देंगे।

भाग 1: ग्रेच्युटी क्या है?

ग्रेच्युटी एक प्रकार का वित्तीय लाभ है जो किसी कर्मचारी को उसकी सेवा के बदले नौकरी छोड़ने पर या रिटायरमेंट के समय प्राप्त होता है। यह एक तरह से कर्मचारी के समर्पण का सम्मान और उनकी मेहनत का प्रतिफल होता है। भारत में ग्रेच्युटी का प्रावधान “पेट्रोलियम और अन्य उद्योगों के श्रमिकों के लिए 1972 में लागू हुआ था।” इसके बाद इस प्रावधान को अन्य उद्योगों के कर्मचारियों पर भी लागू कर दिया गया।

ग्रेच्युटी के भुगतान के लिए सरकार द्वारा कुछ नियम और कानून बनाए गए हैं, जिनके तहत एक कर्मचारी को उसकी सेवाओं के अनुरूप ग्रेच्युटी का भुगतान किया जाता है। यह भुगतान एक निश्चित प्रतिशत के हिसाब से किया जाता है जो कर्मचारी के द्वारा नौकरी में बिताए गए समय पर आधारित होता है।

ग्रेच्युटी का उद्देश्य:

  1. रिटायरमेंट के बाद सहारा: जब कोई कर्मचारी रिटायर होता है, तो वह अपनी जिंदगी को आगे बढ़ाने के लिए ग्रेच्युटी का उपयोग कर सकता है।
  2. अन्य नौकरी में जाने पर लाभ: यदि कोई कर्मचारी एक कंपनी से दूसरी कंपनी में जाता है, तो उसे ग्रेच्युटी का भुगतान उस कंपनी से मिलता है जहां वह काम कर चुका होता है।
  3. कर्मचारी की मेहनत का सम्मान: ग्रेच्युटी कर्मचारी की मेहनत का सम्मान है, जो उसने एक कंपनी के साथ दीर्घकाल तक काम करके अर्जित किया होता है।
  4. धन की सुरक्षा: यह एक प्रकार से कर्मचारी के लिए भविष्य की वित्तीय सुरक्षा भी प्रदान करती है।

भाग 2: ग्रेच्युटी के नियम और कानून

भारत में ग्रेच्युटी से संबंधित नियम और कानून विशेष रूप से “ग्रेच्युटी एक्ट, 1972” के तहत निर्धारित किए गए हैं। यह एक्ट उन कर्मचारियों के लिए है जो 10 या उससे अधिक वर्षों तक किसी कंपनी में काम करते हैं। इसके अलावा, कुछ खास उद्योगों में यह मापदंड अलग हो सकते हैं।

ग्रेच्युटी के लिए पात्रता:

  1. न्यूनतम सेवा: किसी कर्मचारी को ग्रेच्युटी प्राप्त करने के लिए कम से कम 5 वर्ष तक लगातार किसी कंपनी में काम करना आवश्यक है। यदि कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है या वह विकलांगता की स्थिति में होता है, तो वह बिना 5 वर्ष की सेवा पूरी किए भी ग्रेच्युटी का हकदार होता है।
  2. कर्मचारी का स्थायी होना: कंपनी में कर्मचारी का स्थायी होना जरूरी है, मतलब वह ठेके पर काम करने वाला या अनुबंधित कर्मचारी नहीं होना चाहिए।

ग्रेच्युटी का भुगतान:

ग्रेच्युटी की राशि आमतौर पर 15 दिनों के वेतन के बराबर होती है, जो कर्मचारी ने कंपनी में बिताए प्रत्येक वर्ष के लिए निर्धारित की जाती है। इसे समझने के लिए एक उदाहरण देखें:

  • वेतन: ₹50,000 प्रति माह
  • सेवा अवधि: 10 वर्ष

तो, ग्रेच्युटी की राशि इस प्रकार होगी:

ग्रेच्युटी=(वेतन×15दिन×सेवाअवधि)÷26ग्रेच्युटी = (वेतन × 15 दिन × सेवा अवधि) ÷ 26 ग्रेच्युटी=(50,000×15×10)÷26=₹2,88,461ग्रेच्युटी = (50,000 × 15 × 10) ÷ 26 = ₹2,88,461

इस तरह, यह कर्मचारी अपनी सेवा अवधि के आधार पर ₹2,88,461 की ग्रेच्युटी प्राप्त करेगा।

भाग 3: ग्रेच्युटी कैसे कैलकुलेट करें?

ग्रेच्युटी की राशि को कैलकुलेट करना आसान है, बशर्ते कि आपको सही डेटा (वेतन और सेवा अवधि) उपलब्ध हो। नीचे हम इसे विस्तार से समझाते हैं।

ग्रेच्युटी की कैलकुलेशन का सूत्र:

ग्रेच्युटी की राशि कैलकुलेट करने का एक सामान्य तरीका निम्नलिखित सूत्र से होता है:

ग्रेच्युटी=(अंतिमवेतन×15दिन×सेवाकीवर्षसंख्या)÷26ग्रेच्युटी = (अंतिम वेतन × 15 दिन × सेवा की वर्ष संख्या) ÷ 26

यहां,

  • अंतिम वेतन: कर्मचारी का मासिक वेतन (बेसिक + डियरनेस अलाउंस)
  • 15 दिन: यह मानक है कि 1 वर्ष में 15 दिन का वेतन ग्रेच्युटी के लिए निर्धारित किया जाता है।
  • सेवा की वर्ष संख्या: कर्मचारी द्वारा कंपनी में बिताए गए पूरे वर्ष (आधिकारिक रूप से 6 महीने से अधिक सेवा के लिए एक पूरा वर्ष माना जाता है)।
  • 26: यह 1 महीने के कार्य दिवसों की संख्या है, यानी 1 महीने में औसतन 26 दिन होते हैं।

उदाहरण:

मान लीजिए एक कर्मचारी का मासिक वेतन ₹40,000 है और वह 12 साल तक एक कंपनी में काम करता है। तो उसकी ग्रेच्युटी की कैलकुलेशन इस प्रकार होगी:

ग्रेच्युटी=(40,000×15×12)÷26=₹2,76,923ग्रेच्युटी = (40,000 × 15 × 12) ÷ 26 = ₹2,76,923

इसलिए, इस कर्मचारी को ₹2,76,923 की ग्रेच्युटी मिलेगी।

अन्य महत्वपूर्ण बातें:

  1. ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा: भारतीय कानून के तहत, ग्रेच्युटी का भुगतान अधिकतम ₹20 लाख तक किया जा सकता है। यदि किसी कर्मचारी का वेतन बहुत अधिक है तो भी ₹20 लाख से अधिक की ग्रेच्युटी नहीं दी जाएगी।
  2. कंपनियों द्वारा अतिरिक्त लाभ: कुछ कंपनियां अपने कर्मचारियों को अतिरिक्त ग्रेच्युटी या विशेष भत्ते भी देती हैं। इससे कर्मचारियों के लिए यह एक और बड़ा लाभ होता है।

नोट:

  • ग्रेच्युटी का भुगतान नौकरी छोड़ने के बाद 30 दिन के भीतर किया जाता है, अगर कंपनी पर कोई विवाद नहीं हो।
  • ग्रेच्युटी पर कर का भुगतान भी किया जाता है, लेकिन यह केवल ₹20 लाख से अधिक की राशि पर लागू होता है। ₹20 लाख तक की ग्रेच्युटी पर कोई कर नहीं लगता।

निष्कर्ष:

ग्रेच्युटी एक महत्वपूर्ण वित्तीय लाभ है जो कर्मचारी की सेवाओं के बदले प्रदान किया जाता है। यह उनके भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण सहारा बन सकती है। यह जानना आवश्यक है कि ग्रेच्युटी की राशि कैसे कैलकुलेट होती है और इसके नियम क्या होते हैं, ताकि आप अपनी नौकरी छोड़ने या रिटायर होने पर सही समय पर इसका लाभ उठा सकें।

यदि आप एक कर्मचारी हैं और ग्रेच्युटी के लाभों का सही तरीके से उपयोग करना चाहते हैं, तो आपको अपनी सेवा अवधि, वेतन और संबंधित नियमों की जानकारी होना चाहिए। इस तरह, आप न केवल अपने वित्तीय भविष्य को सुरक्षित रख सकते हैं बल्कि ग्रेच्युटी के माध्यम से कुछ अतिरिक्त लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं।

ग्रेच्युटी के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. ग्रेच्युटी क्या है?
ग्रेच्युटी एक वित्तीय लाभ है जो किसी कर्मचारी को उसकी सेवा के बाद, रिटायरमेंट, या नौकरी छोड़ने पर मिलता है। यह कंपनी द्वारा कर्मचारियों को उनकी दीर्घकालिक सेवा का सम्मान करने के रूप में दिया जाता है।

2. ग्रेच्युटी के लिए पात्रता क्या है?
ग्रेच्युटी के लिए पात्रता प्राप्त करने के लिए कर्मचारियों को कम से कम 5 वर्ष तक लगातार किसी कंपनी में काम करना चाहिए। हालांकि, यदि कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है या वह विकलांगता के कारण काम करने में सक्षम नहीं रह पाता है, तो उसे 5 वर्ष की सेवा से पहले भी ग्रेच्युटी मिल सकती है।

3. ग्रेच्युटी की राशि कैसे कैलकुलेट की जाती है?
ग्रेच्युटी की राशि को इस सूत्र से कैलकुलेट किया जाता है:

ग्रेच्युटी=(अंतिमवेतन×15दिन×सेवाकीवर्षसंख्या)÷26ग्रेच्युटी = (अंतिम वेतन × 15 दिन × सेवा की वर्ष संख्या) ÷ 26

यहां, अंतिम वेतन का मतलब है बेसिक + डियरनेस अलाउंस (DA)।

4. क्या 6 महीने से अधिक सेवा को एक पूरा वर्ष माना जाता है?
जी हां, यदि किसी कर्मचारी ने 6 महीने या उससे अधिक समय तक काम किया है, तो उस पूरे वर्ष को पूरा माना जाता है और उसे ग्रेच्युटी के लिए एक साल की सेवा के रूप में गिना जाता है।

5. ग्रेच्युटी पर टैक्स लगता है?
ग्रेच्युटी पर टैक्स तब लगता है जब यह ₹20 लाख से अधिक होती है। ₹20 लाख तक की ग्रेच्युटी पर कोई टैक्स नहीं लगता। टैक्स की गणना कर्मचारी के वेतन और अन्य टैक्स नियमों के आधार पर की जाती है।

6. अगर किसी कर्मचारी का एक कंपनी में 10 साल का कार्यकाल पूरा होता है, तो उसे ग्रेच्युटी कैसे मिलेगी?
यदि एक कर्मचारी ने 10 साल तक किसी कंपनी में काम किया है, तो उसे ग्रेच्युटी का भुगतान उसके अंतिम वेतन के आधार पर 15 दिन के वेतन के हिसाब से किया जाएगा। उदाहरण के लिए, यदि कर्मचारी का मासिक वेतन ₹50,000 है, तो ग्रेच्युटी की राशि की गणना 15 दिनों के वेतन के हिसाब से की जाएगी।

7. क्या ग्रेच्युटी केवल सरकारी कर्मचारियों को मिलती है?
नहीं, ग्रेच्युटी सरकारी कर्मचारियों के साथ-साथ निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को भी मिलती है, बशर्ते वे ग्रेच्युटी एक्ट, 1972 के तहत आएं और उन्होंने कंपनी में कम से कम 5 साल की सेवा दी हो।

8. क्या ग्रेच्युटी का भुगतान रिटायरमेंट के बाद होता है?
जी हां, ग्रेच्युटी आमतौर पर रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को एकमुश्त भुगतान के रूप में दी जाती है। यदि कर्मचारी किसी कारणवश कंपनी छोड़ता है (जैसे अन्य नौकरी पर जाना), तो भी उसे ग्रेच्युटी प्राप्त हो सकती है।

9. अगर कोई कर्मचारी कंपनी से इस्तीफा दे देता है, तो क्या उसे ग्रेच्युटी मिलेगी?
यदि कोई कर्मचारी कंपनी से इस्तीफा देता है और उसने 5 वर्ष से अधिक समय तक काम किया है, तो उसे ग्रेच्युटी मिल सकती है। हालांकि, अगर कर्मचारी ने 5 साल की सेवा पूरी नहीं की है तो उसे ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं मिलेगा, सिवाय इसके कि वह विकलांगता या मृत्यु के कारण इस्तीफा देता है।

10. क्या ग्रेच्युटी की राशि की कोई सीमा है?
जी हां, ग्रेच्युटी की अधिकतम राशि ₹20 लाख तक ही निर्धारित है। यदि कर्मचारी का वेतन बहुत अधिक है, तो भी उसे ₹20 लाख से अधिक ग्रेच्युटी नहीं मिल सकती।

11. क्या ग्रेच्युटी के लिए किसी रेटिंग या ग्रेडिंग की आवश्यकता होती है?
नहीं, ग्रेच्युटी के लिए किसी तरह की रेटिंग या ग्रेडिंग की आवश्यकता नहीं होती। यह पूरी तरह से कर्मचारियों की सेवा की अवधि और उनके वेतन पर आधारित होता है।

12. क्या एक कर्मचारी अपनी ग्रेच्युटी का भुगतान पहले ले सकता है?
ग्रेच्युटी का भुगतान सामान्यत: जब कर्मचारी अपनी सेवा समाप्त करता है, रिटायर होता है या मृत्यु हो जाती है, तब किया जाता है। किसी कर्मचारी को रिटायरमेंट से पहले ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं मिलता, लेकिन वह इसे भविष्य के लिए सुरक्षित रख सकता है।

13. क्या ग्रेच्युटी को कोई अन्य लाभ माना जा सकता है?
ग्रेच्युटी एक कर्मचारी के लिए अतिरिक्त वित्तीय सुरक्षा है। यह रिटायरमेंट के समय या अचानक नौकरी बदलने पर सहारा देती है। कई कर्मचारी इसे भविष्य में मेडिकल खर्चों, बच्चों की शिक्षा या अन्य जरूरतों के लिए उपयोग करते हैं।

14. क्या सभी कंपनियां ग्रेच्युटी का भुगतान करती हैं?
किसी कंपनी में ग्रेच्युटी का भुगतान तब तक नहीं किया जाता जब तक वह कंपनी ग्रेच्युटी एक्ट, 1972 के तहत लागू न हो। हालांकि, अधिकांश कंपनियां कर्मचारियों को यह लाभ देती हैं, खासकर वे कंपनियां जो 10 से अधिक कर्मचारियों के साथ काम करती हैं।

15. क्या ग्रेच्युटी का भुगतान सरकारी और निजी कंपनियों में समान होता है?
ग्रेच्युटी का भुगतान सरकारी और निजी कंपनियों में समान तरीके से होता है, बशर्ते कर्मचारी ग्रेच्युटी एक्ट, 1972 के तहत आते हों। हालांकि, निजी कंपनियां कभी-कभी अतिरिक्त भत्ते या बोनस भी देती हैं।

इन FAQs के माध्यम से हमें उम्मीद है कि आपने ग्रेच्युटी से संबंधित अपने सभी सवालों के उत्तर पा लिए होंगे।

Aishwarya Deshmukh
ऐश्वर्या देशमुख एक वित्त ब्लॉग लेखिका और कंटेंट क्रिएटर हैं, जो व्यक्तिगत वित्त, निवेश रणनीतियों और वित्तीय साक्षरता को सरल बनाने के लिए समर्पित हैं। वित्त के क्षेत्र में मजबूत पृष्ठभूमि के साथ, ऐश्वर्या अपने पाठकों को अपने वित्तीय भविष्य को नियंत्रित करने के लिए व्यावहारिक और समझदारी से भरी सलाह देती हैं। उनका ब्लॉग बजट बनाने, बचत करने, निवेश करने और बाजार की प्रवृत्तियों को समझने से संबंधित है, ताकि पाठक अपने पैसे के बारे में सूचित निर्णय ले सकें। जब वह लेखन में नहीं होतीं, तो ऐश्वर्या नई वित्तीय प्रवृत्तियों को सीखने और एक बढ़ते हुए वित्त समुदाय के साथ अपने ज्ञान को साझा करने में व्यस्त रहती हैं।
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